नींबू मिर्ची, एक ऐसा कॉम्बिनेशन जो हमारे दुखों को हर सकता है. यकिन नहीं तो आप दुकानें देख लें, घर देख लें, गाड़ी के आगे-पीछे कभी भी क्यों न देख लें. नीबूं मिर्ची आपको जरूर दिख जाएगी. जिसकी वजह है दुकान को, घर को, गाड़ी या फिर किसी अन्य चीज को बुरी नजर से बचाना. लेकिन क्या आपको लगता है कि, हकीकत में नीबूं-मिर्ची ऐसी जगह लगाने से बुरी नज़रों से बचा जा सकता है.
हमारे बड़े बुजुर्गों की मानें तो घर में, दुकान में किसी भी जगह इसे लगाने से बुरी शक्तियों का प्रवेश नहीं होता. लेकिन क्या आपको मालूम है की हकीकत में नींबू मिर्ची घर के दुकान के बाहर लटकाने का साइंटिफिक रीज़न है. जोकि अधिकतर लोगों को मालूम नहीं.
नींबू-मिर्ची का साइंटिफिक रिजन

जैसा की हम सब जानते हैं कि, हमारे घरों में हवा का आना हमारे मेन दरवाजे से ही होता है. ऐसे में मेन दरवाजे पर ही अधिकतर लोग नींबू-मिर्ची को टांगते हैं. और जो लोग इसे दरवाजे पर टांगते हैं. ऐसे में उनका मानना होता है कि, नींबू में मौजूद तत्व आसपास के वातारण को बेहतर करेंगे साथ ही शुद्ध करेंगे. जबकि नींबू में ही लगी मिर्ची से उनकी धारणा होती है की जैसे की मिर्च का स्वाद ज्वलंत होता है. ऐसे में जैसे हम तीखे के डर से मिर्च खाना पसंद नहीं करते. ठीक उसी तरह ज्यादा देर तक कई भी बुरी शक्ति इसे घूर नहीं सकेगी. या घर को, दुकान को, गाड़ी को नज़र नहीं लगेगी.
आखिर नींबू-मिर्च ही क्यों

जाहिर है इतनी जानकारी के बाद आपको लगा होगा की हम भी टोटके को बढ़ावा देते हैं. हालांकि आपका सोचना गलत है. इसके पीछे वैज्ञानिक तर्क क्या क्या हैं जरा वो भी पढ़िए…तो विज्ञान कहता है कि, जिस स्थान पर नींबू का पेड़ होता है वहां बैक्टीरिया बहुत कम होते हैं. साथ ही वहां का वातारण पूरी तरह साफ होता है. हालांकि नींबू का पेड़ तो हम गमले में उगा नहीं सकते. ऐसे में हमने उसका तोड़ ढूंढ लिया है की नींबू को घर के सामने टांग दें.
जिससे घर में आने वाली हवा शुद्ध होकर आए. स्वच्छ वातारण के बीच सकारात्मक ऊर्जा मिल सके. इसके अलावा जैसा की हम सब जानते हैं की नींबू स्वास्थ्य के लिए भी कितना लाभदायक है. नींबू में जहां विटामिन सी सबसे अधिक पाया जाता है. इसके अलावा कई अन्य पदार्थ जैसे की थियामिन, नयासिन रिबोप्लोविन, विटामिन बी और फोलेट जैसे विटामिन भी पाए जाते हैं. जोकि हमें कब्ज, किडनी, खराब गले व मसूड़ों की परेशानियों से छुटकारा दिलाते हैं. इसके अलावा और भी अनेकों बीमारियां हैं जिनसे नींबू निजात दिलाता है. यही वजह है कि, हमारे बड़े बुजुर्ग नींबू के पक्ष में थे.
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ठीक इसी तरह मिर्च के साथ भी होता है. हरी मिर्च में भी विटामिन सी सबसे अधिक मात्रा में मौजूद होता है. साथ ही यह एंटी-ऑक्सीडेंट का भी सबसे अच्छा माध्यम होता है. जोकि हमारी त्वचा के लिए, आंखों के लिए काफी फायदेमंद होता है. साथ ही हरी मिर्च को मूड बूस्टर के रूप में भी जाना जाता है. तो ये तो रही नींबू और मिर्च की बात.
नींबू-मिर्च से दूर रहते हैं कीट

अब आपने देखा होगा कि, नींबू-मिर्च में छेद कर उन्हें गूथा जाता है. जिसके लिए धागे का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में नींबू-मिर्च में छेद किया जाता है. जिसके पीछे की लॉजिक की बात करें तो नींबू-मिर्ची में छेद होने से, उसकी भीनी सुगंध हवा के जरिए हर तरफ फैल जाती है. उसी धागे के जरिए जहां नींबू और मिर्च का रस धीरे-धीरे हमारे घर के आस पास के वातारण में घुलता है. वहीं एंटी बैक्टीरियल खुशबू की वजह से, कीड़े-मकौड़े भी घर के दूर रहते हैं.
ऐसे में नींबू-मिर्च को हफ्ते में एक बार बदल दिया जाता है. ताकि नींबू-मिर्ची की महक दुर्गंध में न फैले. यही वजह है कि, हर शनिवार को चलते फिरते हमें रास्तों पर नींबू और मिर्च के कई टुकड़े दिखाई देते हैं. जिनका सबूत होता है कि, अब उनकी जगह किसी दूसरे नींबू-मिर्च ने ली है. अब वो किसी काम के नहीं.