क्या आप जानते है उस शख़्स के बारे में जिसने देश का सबसे महंगा बँगला खरीदा है। उस शख्स का नाम है राधाकिशन दमानी। D mart के संस्थापक Radhakishan Damani ने देश का सबसे महंगा बंगला 1001 करोड़ रुपये में खरीदा है। ये बंगला मुंबई के सबसे महंगे इलाके मलाबार हिल के नारायण दाभोलकर में हैं। ये बंगला करीब 1.4 एकड़ में बना हुआ है। इससे पहले 2015 में सीरम इंस्टीट्यूट के मालिक साइरस पूनावाला ने ब्रीच कैंडी क्षेत्र में यूएस कंसोलेट से 750 करोड़ रुपये में एक प्रॉपर्टी खरीदी थी। समुद्र के किनारे बनी इस प्रॉपर्टी का क्षेत्रफल करीब दो एकड़ था। 2015 में ही कुमार मंगलम बिड़ला ने भी मलाबार हिल क्षेत्र में एक प्रॉपर्टी 425 करोड़ रुपयों में खरीदी थी। मगर Radhakishan Damani ने अब तक का सबसे महंगा घर खरीदा है। फोर्ब्स इंडिया के अनुसार दमानी देश के चौथे सबसे अमीर शख्सियत हैं। उनकी कुल संपत्ति 1.13 लाख करोड़ के आस पास है।
अक्सर हम अपने बच्चों से कहते हैं कि पढोगे लिखोगे नहीं तो किसी काबिल नहीं बन पाओगे और ये बहुत हद तक सही भी है। तभी हमारे देश के यूथ आईआईटी, आईआईएम, इंजीनियरिंग और डॉक्टर बनना चाहते हैं लेकिन क्या उच्च शिक्षा ही सफलता की गारंटी है? शायद नहीं। क्योंकि जिन राधाकिशन दमानी की बात हम कर रहे हैं वो सिर्फ बाहरवीं पास है। राधा किशन दमानी राजस्थान के बीकानेर में एक मारवाड़ी परिवार में 1960 में पैदा हुए थे। उनके पिता का एक छोटा सा बिज़नेस था। मगर पिता के साथ दमानी ने कोई ख़ास दिलचस्पी उस बिज़नेस में नहीं दिखाई लेकिन उनके पिता की जब मौत हुई तो उन्हें बड़ा झटका सा लगा और बस तभी से उन्हें लगा कि उन्हें ज़िंदगी में कुछ बड़ा करना है। जिसके बाद उन्होंने बॉल बीयरिंग का छोटा सा बिजनेस शुरू किया।

बिज़नेस करते हुए Radhakishan Damani का रुझान शेयर मार्केट की तरफ हुआ। इस बीच दमानी चंद्रकांत संपत से मिले जिनसे दमानी ने शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की जानकारी हासिल की। इसलिए दमानी आज भी चंद्रकांत संपत को अपना गुरू मानते हैं। राधा किशन दमानी ने जब पहली बार शेयर मार्केट में निवेश किया था, उस वक्त उनकी उम्र 32 साल थी। उसके बाद तो दमानी को शेयर मार्केट का सचिन तेंदुलकर माना जाने लगा। मगर कहते हैं ना कि उतार चढ़ाव ज़िंदगी का हिस्सा होते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ दमानी के साथ 1992 में शेयर मार्केट में स्टॉक ब्रोकर के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद शुरूआत में उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा। मगर इसके बाद मानों उन्हें और ज़्यादा जानकारी हो गई इस काम की फिर क्या इसके बाद दमानी ने मुनाफा कमाना शुरू किया और फिर कभी रुके नहीं। दमानी शेयर मार्केट में लंबे समय के लिए निवेश करने को फायदेमंद मानते हैं। यही वजह है कि साल 1995 में दमानी एचडीएफसी बैंक के सबसे बड़े शेयर होल्डर थे। इसके बाद दमानी ने कई और एमएनसी कंपनियों में निवेश किया और 80 और 90 के दशक में देश के टॉप निवेशक रहे। जिस वक्त हर्षद मेहता के घोटाले से शेयर मार्केट हिल गया था, उस वक्त राधा किशन दमानी को भी नुकसान उठाना पड़ा था लेकिन बाद में दमानी ने उसी शेयर मार्केट से खूब पैसा कमा भी लिया। इसके बाद जब उनका कॉन्फिडेंस और बढ़ा तो उन्होंने रिटेल बिजनेस में कदम रखा। दमानी ने अपना पहला रिटेल स्टोर नवी मुंबई के नेरुल इलाके में अपना बाजार नाम से खोला। साल 2002 में दमानी ने अपना बाजार को डी-मार्ट नाम दिया। जो कि आज देश में रिटेल इंडस्ट्री का बड़ा नाम बन चुका है.

देश के रिटेल बिजनेस में काफी कंप्टीशन है लेकिन D Mart अभी तक काफी सफल रहा है और तेजी से ग्रोथ कर रहा है। जानते हैं इसका कारण क्या है ! इसकी वजह है कि दमानी मुनाफे पर जोर देते हैं। यही वजह है कि वो एक स्टोर के मुनाफे से ही दूसरा स्टोर खोलते हैं और साथ ही स्टोर खोलने से पहले जमीन खरीदते हैं और फिर वहां स्टोर बनाते हैं। इससे उन्हें जमीन के लिए किराया देने की जरूरत नहीं पड़ती और उनकी लागत कम हो जाती है। दमानी ने पैसा कमाने के बाद भी एक साथ कई शहरों में स्टोर नहीं खोले बल्कि एक एक करके स्टोर खोलते गए। यही कारण है कि आज डी मार्ट देश में रिटेल सेक्टर का तीसरा सबसे बड़ा ब्रांड है।
D Mart रिटेल चेन का संचालन एवेन्यू सुपरमार्ट्स लिमिटेड कंपनी करती है, जिसका मार्केट कैप बढ़कर 2 लाख करोड़ के पार चला गया है। बता दें कि मार्केट कैप के मामले में अभी रिलायंस देश की सबसे बड़ी कंपनी है, जिसका मार्केट कैप करीब 12 लाख करोड़ है। इसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी कंपनियों का नाम शामिल है। इस तरह डी मार्ट भी अब मार्केट कैप के मामले में देश की दिग्गज कंपनियों की कतार में शामिल हो गई है। वैसे जो भी हो आज दमानी इस मुक़ाम पर सिर्फ और सिर्फ अपने हार्ड वर्क से पहुंचे हैं ना कि किसी शोर्टकट से।