सफलता प्राप्त करना हर इंसान की ख्वाहिश होती है, ऐसे में अपने सपनों तक पहुंच उसे जीने की तमन्ना भी. हाँ मगर कई बार हम अपनी जरूरतों में इस तरह मसगूल होते हैं कि, हम अपने अंदर छिपे टेलैंट को पहचान नहीं पाते तो, कई बार ऐसा होता है कि, हम चाहकर भी वो नहीं कर सकते. जिसकी टीस हमारे जहन में रह जाती है. हालांकि अगर आपका कोई चाहने वाला हो, जो सपना आपने कभी जीने की ख्वाहिश तक न की हो उसे राह दिखाने वाला हो तो सोचो कितना सब कुछ बदल सकता है. क्योंकि आज हम जिसके Super Stree के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. उनकी कहानी कुछ ऐसी ही है.
जब भी हम अपने बचपन में सबसे बेहतर यादों को याद करने की कोशिश करते हैं तो, हमें सबसे अच्छा वक्त अपने ननिहाल का याद आता है. जहाँ नानी का लाड, नाना का दुलार और मामा-मामी का प्यार होता है. ऐसे में अनेकों ऐसे बच्चे होते हैं जो बचपन में गर्मियों की छुट्टी में या फिर कभी भी नानी के यहाँ घूमने जाते हैं. ऐसे में बीते साल जहाँ पूरी दुनिया अपने घरों में बंद थी. ठीक वैसा ही जो जहाँ था, वहीं रह गया.
ठीक यही हुआ याशी चौधरी के साथ भी, जो लॉकडाउन के समय में अपने नानी के साथ रही. इस दौरान याशी और उनकी नानी मंजू देवी पोद्दार ने एक ऐसा स्टार्टअप शुरू किया. जिसकी कल्पना तक याशी की नानी ने नहीं की थी.
नानी-स्पेशल की शुरुवात

हमारा देश खान-पान की खदान है. देश के हर कोनो में कुछ न कुछ खास ही होता है. जैसे की मुंबई में वडा पाव, दिल्ली के छोले-भटूरे और बंगाल में संदेश-रसगुल्ला. लॉकडाउन के टाईम में जहाँ हर घर में कुछ न कुछ खास बन रहा था. ठीक उसी तरह अनेकों लोग अपनों के बीच जिंदगी जी रहे थे. इस बीच 65 वर्षीय मंजू देवी पोद्दार भी अपने घर वालों के लिए मिठाई बनाया करती थी. उनकी बनाई मिठाइयां घर में सभी को हमेशा से पंसद आती है.
याशी कहती हैं कि, “नानी घर में सभी के लिए मिठाइयां बनाती थीं. मैं उन्हें मिठाइयां बनाते देखती थी. इस दौरान उन्हें मिठाइयां बनाते देख मुझे अक्सर एक ही सवाल आता था कि, नानी ने कभी अपना खुद का बिज़नेस क्यों नहीं किया? और एक दिन बातों-बातों में मैंने अपनी नानी से कहा कि, आपको अपना खुद का फूड बिज़नेस शुरू करना चाहिए. वो नहीं मानी, हालांकि मेरे बार-बार गुज़ारिश करने पर वो इसके लिए तैयार हो गई.”
अपने इस मौके पर तुरंत अमल करते हुए याशी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी. याशी कहती हैं कि, “मैं चाहती थी कि, एक बार कोशिश तो की जाए. इसलिए मैंने सबसे पहले अपनी मौसी की बेटी की मदद से ‘नानीज़ स्पेशल’ का एक बेसिक लोगो डिज़ाइ करवाया. जिसके बाद उस लोगो को अपने दोस्तों के व्हाट्सएप ग्रुप्स से लेकर पूरे परिवार के साथ साझा किया. उसमें हमने साथ ही बताया कि, हम मिठाइयों का ऑर्डर लेते हैं आप अपना ऑर्डर हमें दें सकते हैं. ये सब कुछ हमने अगस्त महीने में किया. और ठीक जन्माष्टमी के आने के पहले हमें हमारा पहला ऑर्डर मिल गया.”
शुरुवाती समय में मिले ऑर्डर में याशी की नानी मंजू देवी पोद्दार को 40 थाल मिठाइयां बनानी थी. ऐसे में उन्होंने मिठाइयां बनानी शुरू की और हर एक थाल में चार अलग-अलग तरह की मिठाइयां रखी. जिसमें मावे की परवल, अजवाइन चक्की, पेड़ा और नारियल चक्की शामिल थी. याशी कहती हैं कि, “इन मिठाइयों को नानी ने बनाया था. जिसको हमने मिलकर बहुत अच्छे से पैक किया और फिर उसे जिन्होंने हमें ऑर्डर दिया था. वहाँ तक पहुंचाया. इस बीच वहाँ से लोगों की बहुत अच्छी प्रतिक्रिया आई. और मिठाई का बिज़नेस (Homemade Sweets Business) यानि की नानी स्पेशल (Nani Special) निकल पड़ी.
Nani Special Sweets Business की खासियत

आज Nani Special को चलाने वाली मंजू देवी पोद्दार और याशी चौधरी दोनों ही लोगों के लिए दस से ज्यादा तरह की मिठाइयां, भुजिया, कचौड़ी, मटर की पूड़ी, नमकीन चिवड़ा उपलब्ध कराती हैं. यही वजह है कि, महज़ आठ महीने में शुरू हुए Nani Special में लोगों की ऑर्डर करने की भीड़ बढ़ती जा रही है.
मंजू देवी पोद्दार
मंजू देवी अपने बारे में बताती हैं कि, महज़ 15 साल की उम्र में ही उनके घरवालों ने उनकी शादी कर दी थी. उस समय उन्हें खाना बनाना तक भी नहीं आता था. ऐसे में उनकी सास ने उन्हें खाना बनाना सिखाया. साथ ही खाने में बढ़ती दिलचस्पी के चलते मैंने भी अनेकों तरह की रेसिपी सीखनी शुरू कर दी. यही वजह रही कि, महज दो तीन साल में ही मैं खाना बनाने में पूरी तरह माहिर हो गई.”
याशी बताती हैं कि, आज जहां नानी का काम काफी अच्छा चल रहा है. इस बीच इस उम्र में मिठाइयां बनाना थोड़ा मुश्किल होता है. यही वजह है कि, जब हमारे पास ज्यादा ऑर्डर होता है तो, हम घरेलू सहायिका रख लेते हैं. ताकि नानी को ज्यादा मेहनत न करनी पड़े. आज हर रोज हमें औसतन 10 ऑर्डर मिल जाते हैं. जब त्यौहारों का वक्त होता है तो ये ऑर्डर और ज्यादा बढ़ जाते हैं.
आज के समय में नानी स्पेशल जहां अपने आस-पास लोगों की खास पसंद बन चुका है. वहीं इन दिनों बेंगलुरु, जयपुर, दिल्ली, डिब्रूगढ़, अहमदाबाद में से भी लोग नानी स्पेशल में मिठाइयां और स्नैक्स ऑर्डर करते हैं. ऐसे में जहां मिठाइयां जल्दी खराब होने का डर होता है. यही वजह है की बाहर ज्यादातर हम भुजिया, पापड़, अचार, मट्ठी भेजते हैं. पिछले कुछ महीने के अंदर ही ‘नानीज़ स्पेशल’ चार लाख रुपए तक की कमाई कर चुका है.

याशी ने अपने नानी के साथ मिलकर मठाई के बिजनेस की शुरूवात में महज आठ हजार रुपये खर्च किये थे. जबकि अपनी पहले ही ऑर्डर में उन्होंने तीन हजार रुपये कमाए. जोकि मंजू देवी के जीवन की पहली कमाई थी. यही वजह है कि, मंजू देवी ने उन पैसों को संभालकर रखा है.
वह बताती हैं कि उन्होंने इन पैसों को बहुत संभालकर रखा है और इन्हें वह कभी खर्च नहीं करेंगी। साथ ही, उन्होंने मिठाई का बिज़नेस शुरू करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं:
ऐसे चलती है नानी स्पेशल ‘Nani Special’
याशी बताती हैं कि, शुरूवात के समय में जब हमने इसे शुरू किया था. उस समय हमने महज़ उन्हीं मिठाइयों को तरजीह दी थी. जोकि नानी अच्छी तरीके से बनाती थी. हालांकि अब हम ग्राहकों की मांग को ध्यान में रखते हैं.
शुरूवाती समय में हमने मिठाइयों की कीमत में अपनी मेहनत, पैकेजिंग की कीमत नहीं जोड़ी थी. हालांकि बाद में जब हमको मालूम चला कि, इन सब चीजों में गैस की खपत, बिजली, मेहनत ज्यादा लगती है तो हमने उसका भी मूल्य जोड़ा. ऐसे में पास वाली जगह हम कोशिश करते हैं कि, खुद ही डिलीवरी करें. जबकि कई बार तो ग्राहक खुद ऑर्डर ले जाते हैं. जोकि काफी अच्छा तरीका है. ऐसे में यही वजह है कि, आज हमारी मेहनत रंग ला रही है. इसमें सबसे बड़ा योगदान नानी का है.