महिलाओं का सम्मान करों, बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं, लड़कियों और लड़कों में फर्क करना बंद करों, दहेज प्रथा पर रोक लगाओं, बहुओं पर हाथ मत उठाओं.. ऐसी ही और भी ना जाने कितनी बातें आपने अक्सर कई बुद्धिजीवियों के मुंह से सुनी होंगी, कई बार सड़को पर प्रदर्शन करते हुए लोगों को, तो कई बार इन्ही मुद्दों पर नुक्कड़ नाटक भी देखे होंगे, यानि की कुल मिलाकर हमारे समाज में किसी ना किसी तरीके से छोटी सोच से पनपने वाले मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने की कोशिशें होती रहती हैं। ऐसी ही एक कोशिश उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर के एक रॉक बैंड ने भी की, इस बैंड में सिर्फ 5 महिलाएं अपने गानों के जरिए समाज में पल रही बुराई के बारे में लोगों से बात करती हैं।
इस बैंड को साल 2010 में बैंड की लीड सिंगर, लिरिक्स कंपोजर और फाउंडर जया तिवारी ने शुरू किया था, इस बैंड का बस एक ही मकसद है अपने गानों के जरिए लोगों को महिला सशक्तिकरण और बाकी सामाजिक मुद्दों के बारे जागरूक करना। और इतना ही नहीं इस बैंड ने बेटियों की पढ़ाई का बीड़ा भी अपने सिर लिया हुआ है।
India’s First Female Mission Band- नहीं बदली लोगों की मानसिकताएं
इस बैंड का नाम सबसे पहले जिंदगी था, मगर उसे बदलकर मेरी जिंदगी कर दिया गया। जया और उनकी टीम में शामिल पूर्वी मालवीय, निहारिका दुबे, महक प्रधान और सौभाग्य दिक्षित ने मिलकर इस बैंड की शुरूआत काफी छोटे स्तर से की थी। और खास बात तो ये है कि, जया और उनकी टीम एक गिटार और रसोई के बर्तनों के साथ स्टेज पर परफॉर्मेंस देते हैं। जिसमें चिमटा, चम्मच डिब्बों और थालियों का इस्तेमाल भी किया जाता है।
और आज मेरी जिंदगी उत्तर प्रदेश का पहला फिमेल रॉक बैंड बन चुका है। फिमेल यानि की महिलाएं, वैसे तो हमारा समाज आज काफी हद तक अपने विचारों का बदलकर आगे बढ़ चुका है मगर कहीं ना कहीं आज भी कई ऐसे लोग हैं जिनकी मानसिकताओं पर किसी का जोर नहीं है। जहां एक तरफ देश की लड़कियां चांद की सैर करने लगी है, वहीं दूसरी तरफ हमारे समाज में लोगों से लड़कियों का डांस और म्यूजिक में करियर बनाना पचाया नहीं जाता है।
तो बस लोगों को उनकी इन्हीं मानसिकताओं से उभारने के लिए जया तिवारी ने अपनी टीम के साथ मेरी जिंदगी रॉक बैंड की शुरूआत की। इस बैंड का नाम मेरी जिंदगी भी इसीलिए है क्योंकि, जया और उनकी टीम अपने स्टेज शोज में जो भी गाने गाते हैं, उन गानों के बोल और उनकी रचना हर एक औरत की जिंदगी के बहुत करीब हैं, इस बैंड का कोई भी गाना सुनकर कोई भी लड़की उसका ताल्लुक खुदसे जोड़ सकती है।और बस इसीलिए जया ने इस बैंड का नाम मेरी जिंदगी रखा है।
India’s First Female Mission Band- लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है मेरी जिंदगी रॉक बैंड
जया का मानना है कि एक बेटी के शिक्षित होने से एक परिवार शिक्षित होता है, और इसलिए बेटियों का पढ़ना काफी जरूरी है। आपको बता दें कि, बैंड की फाउंडर जया तिवारी मशहूर रेडियो जॉकी भी हैं। वो लखनऊ के बाबू बनारसी दास यूनिवर्सिटी में कल्चरल हेड के तौर पर काम करती हैं।
और आज ये बैंड बस एक बैंड नहीं रहा है बल्कि एक परिवार बन चुका है, जिसका हर मेंबर एक दूसरे को समझता है साथ ही एक दूसरे से बहुत कुछ सीखता भी है। ‘मेरी जिंदगी फीमेल रॉक बैंड’ के गाने ना सिर्फ समाज को जागरूक कर रहे हैं बल्कि हर महिला को हिम्मत, हौसला और भरोसा दिलाता है। कि वो किसी से कम या पीछे नहीं है, वो हर वो काम कर सकती हैं, जिसके लिए उन्हें रोका-टोका जाता है। यह बैंड समाज को बताना चाहता है कि ये ज़िन्दगी, सबकी अपनी ज़िन्दगी है और सबको ये ज़िन्दगी अपने हिसाब से जीने का हक़ है।
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