Love Life of Subhash and Emilie: दूरियों के बाद भी कभी कम नहीं हुआ दोनों का प्यार

हर किसी की जिंदगी में एक समय ऐसा आता है जब उसे किसी से प्यार होता है और उनका प्यार परवान भी चढ़ता है। वहीं अक्सर जब बात हमारे देश को आजादी दिलाने वाले हीरोज़ की आती है तो उनके बारे में हमारी उत्सुकता और बढ़ जाती है। हम चाहते हैं कि, उनकी जिंदगी के बारे में हर अहम बात को जानें और सबसे ज्यादा दिलचस्पी हमारी बढ़ती है तो उनके क्रांतिकारी कामों और किसी लव स्टरी को लेकर। अपने एक लेख में हमने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जिन्दगी के जुड़े कुछ किस्सों के बारे में बताया है अब यहां हम उनकी लाइफ के उस पहलू की चर्चा करेंगे जिसके बारे में हम सबकी दिलचस्पी है, उनकी लव लाइफ के बारे में। सुभाष चंद्र बोस के की लव लाइफ के बारे में अमूमन हमें इतना तो पता है कि, वे किसी विदेशी लड़की से प्यार करते थे, उनसे शादी भी की थी। लेकिन यह प्यार कैसा था? इसकी गहराई क्या थी इस बारे में आम लोग बहुत कम ही जानते हैं।

सुभाष चंद्र बोस के बारे में कहा जाता है कि, वे अपने देश को आजादी दिलाने के लिए इतने प्रतिबद्ध थे कि, उनको इस काम के आगे कुछ भी नहीं दिखता था। लेकिन उनकी लाइफ में एक समय आया जब वे अपने इस मार्ग से कुछ पल के लिए भटके और वो पल ही सुभाष चंद्र बोस की लाइफ का लव टाइम था। बात 1932 से 34 के बीच की है। कांग्रेस के योद्धा के तौर पर पहचान बना चुके बोस सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान जेल में बंद रहे थे और उनकी तबियत खराब हो गई थी। इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने उनको इलाज के लिए यूरोप भेजा जिसका पूरा खर्चा उनके परिवार को उठाना पड़ा। बोस उस वक्त ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना पहुंचे थे। इलाज के बाद उन्होंने तय किया कि, वे यूरोप में रह रहे भारतीय छात्रों को आज़ादी की लड़ाई के लिए एकजुट करेंगे। तभी उन्हें एक यूरोपीय प्रकाशक ने ‘द इंडियन स्ट्रगल’ पर किताब लिखने का काम दिया जिसके लिए उन्हें एक सहयोगी भी चाहिए था जिसे अंग्रेजी के साथ साथ टाइपिंग भी आती हो।

इस सहयोगी की तलाश ही बोस को उनके प्यार तक ले गई। उनके पास दो लोगों का रेफ़रेंस आया था। बोस ने पहले बेहतर उम्मीदवार को बुलाया, लेकिन मीटिंग में वह कुछ जचा नहीं। तब दूसरे उम्मीदवार को बुलाया गया। ये दूसरी उम्मीदवार ही थी 23 साल की एमिली शेंकल जिनके प्यार में बोस गिरफ्तार हो गए। बोस ने एमिली को जॉब पर रख लिया और दोनों ने जून, 1934 से साथ काम करना शुरू किया। तब 37 साल के बोस को यह अंदाजा भी नहीं था की उन्हें एमिली से प्यार हो जाएगा। शरत चंद्र बोस के पोते सुगत बोस ने अपनी किताब ‘हिज़ मैजेस्टी अपोनेंट- सुभाष चंद्र बोस एंड इंडियाज स्ट्रगल अगेंस्ट एंपायर’ में इस बारे में लिखा है कि, एमिली के आते ही सुभाष की जिंदगी में कई तरह के नाटकीय बदलाव आ गए थे। वे कहते हैं कि, इससे पहले नेताजी को कई ऑफर आए शादी के लेकिन उन्होंने किसी में भी इंट्रेस्ट नहीं दिखाया लेकिन एमिली की ख़ूबसूरती का उन पर अलग ही असर हुआ था।

Emilie Schenkl,Subhash Chandra Bose

Subhash या Emilie ? किसने की पहल और कैसी रही लव लाइफ

सुगत बोस ने इस किताब में लिखा है कि, प्यार की पहल सुभाष चंद्र बोस की ओर से की गई थी और धीरे-धीरे वे इस रिश्ते में रोमांटिक होते चले गए। मिड 1934 से लेकर मार्च 1936 तक ये प्रेम कहानी परवान चढ़ी और इस दौरान जब वे ऑस्ट्रिया और चेकेस्लोवाकिया में थे तो दोनो के रिश्ते बहुत मधुर रहे। लेकिन जैसा कि, हर स्टोरी में होता है पापा को लड़का पसंद नहीं आता, कुछ ऐसा ही हुआ एमिली के पिता को यह पसंद नहीं था कि, उनकी बेटी किसी भारतीय के यहां काम करे या उससे शादी करे, लेकिन जब वो लोग सुभाष चंद्र बोस से मिले तो उनके व्यक्तित्व के कायल हो गए और सारे गिले शिकवे भूल गए।

रुद्रांशु मुखर्जी ने अपनी किताब में इस लव स्टोरी के बारे में लिखा है कि, दोनों ने स्वीकार कर लिया था कि, उनका यह रिश्ता बहुत मुश्किलों से भरा हुआ रहने वाला है। एक-दूसरे को लिखे खतों में यह बातें सामने आती है। एमिली को लेकर सुभाष के अंदर का भाव कैसा है यह उनके एक पत्र में दिखता है जो 5 मार्च 1936 को लिखा गया था। इसमें सुभाष लिखते हैं।

‘माय डार्लिंग, समय आने पर हिमपर्वत भी पिघलता है, ऐसा भाव मेरे अंदर अभी है। मैं तुमसे कितना प्रेम करता हूं, ये बताने के लिए कुछ लिखने से खुद को रोक नहीं पा रहा हूं। जैसा कि, हम एक-दूसरे को आपस में कहते हैं, माय डार्लिंग, तुम मेरे दिल की रानी हो। लेकिन क्या तुम मुझसे प्यार करती हो?”

आगे वो लिखते हैं “मुझे नहीं मालूम कि, भविष्य में क्या होगा. हो सकता है पूरा जीवन जेल में बिताना पड़े, मुझे गोली मार दी जाए या मुझे फांसी पर लटका दिया जाए। हो सकता है मैं तुम्हें कभी देख नहीं पाऊं, हो सकता है कि, कभी पत्र नहीं लिख पाऊं- लेकिन भरोसा करो, तुम हमेशा मेरे दिल में रहोगी, मेरी सोच और मेरे सपनों में रहोगी. अगर हम इस जीवन में नहीं मिले तो अगले जीवन में मैं तुम्हारे साथ रहूंगा.”

इस पत्र को पढ़ने के बाद हमें पता चलता है कि, दोनों के प्रेम की क्या गहराई थी। इस पत्र में सुभाष बताते हैं कि, वे एमिली की आत्मा से प्यार करते हैं। यह बताता है कि, अपनी लव लाइफ में सिर्फ कुछ पल ही एक दूसरे के करीब रहने के बाद भी लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में प्यार की इतनी गहराई और कहीं देखने को नहीं मिलती।

Emilie Schenkl,Subhash Chandra Bose

Subhash And Emilie- शादी और फिर जीवनभर की दूरी

जाहिर है एमिली के प्यार में सुभाष चंद्र बोस पूरी तरह गिरफ़्तार थे। 1937 में सुभाष ने एक और पत्र एमिली को लिखा था इसमें उनकी मनोदशा दिखती है। वे लिखते हैं — पिछले कुछ दिनों से मैं तुम्हें पत्र लिखने को सोच रहा था. लेकिन तुम समझ सकती हो कि, मेरे लिए तुम्हारे बारे में अपने मनोभावों को लिखना कितना मुश्किल था. मैं तुम्हें केवल ये बताना चाहता हूं कि, जैसा मैं पहले था, वैसा ही अब भी हूं.” एक भी दिन ऐसा नहीं बीता है, जब मैंने तुम्हारे बारे में नहीं सोचा था। तुम हमेशा मेरे साथ हो. मैं किसी और के बारे में सोच भी नहीं सकता।

अपनी इसी अकुलाहट के कारण जब दोनों अगली बार मिले तो सुभाष और एमिली ने शादी कर ली। यह शादी इतनी गुप्त तरीके से हुई कि, किसी को पता भी नहीं चला। बताया जाता है कि, 26 दिसंबर 1937 को एमिली का 27वां  जन्मदिन था। इसी दिन आस्ट्रिया के बादगास्तीन में यह शादी हुई। इन दोनों की प्रेम की निशानी के रूप में 29 नवंबर, 1942 को बेटी का जन्म हुआ, जिसका नाम अनीता रखा गया। जिनकी पहचान आगे चलकर बहादुर लड़ाका की रही है। सुभाष अपनी बेटी को देखने के लिए दिसंबर, 1942 में विएना पहुंचे लेकिन इसके बाद वे अपने मिशन पर निकल गए। जहां से वो फिर एमिली और अनीता से कभी नहीं मिले।

एमिली अपनी बेटी अनिता के संग बोस की यादों के सहारे 1996 तक जिंदा रहीं। इस दौरान उन्होंने एक छोटे से तार घर में काम किया और अकेले ही अनिता को पाल पोसकर बड़ा किया जो आगे जाकर जर्मनी की मशहूर अर्थशास्त्री बनीं। बोस के बाद भी एमिली ने जिस तरह की जिंन्दगी को जिया उससे यह साफ जाहिर होता है कि, सिर्फ बोस ही नहीं एमिली की ओर से भी सुभाष के प्यार को लेकर गहराई तक समर्पण रहा। मुश्किल सफ़र में उन्होंने सुभाष चंद्र बोस के परिवार से किसी तरह की मदद लेने से इन्कार कर दिया। इतना एमिली ने बोस की उस बात को भी बनाए रखा जिसमें वे अपने रिश्ते की गोपनियता को बनाए रखना जाहते थे। एमिली ने इस रिश्ते की भनक तक दुनिया को नहीं लगने दी। दोनों की लव लाइफ में दूरी होते हुए भी एक अलग तरह की नजदीकियां थीं।

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