देश के साथ-साथ जहां पूरी दुनिया में इस समय कोरोना वायरस का कहर छाया हुआ है. जहां हर रोज हजारों की संख्या में लोग कोरोना से पीड़ित हो रहे हैं. वहीं दुनिया में हर दिन हजारों की संख्या में जानें जा रही हैं. पूरी दुनिया इस बीमारी का तोड़ खोजने में लगी हुई है, हालांकि उसके बावजूद भी अभी इस बीमारी का कोई तोड़ नहीं निकल पाया है.
कोरोना वायरस की ही बीमारी के चलते इस समय हमारे देश में भी दहशत का माहौल है. देश में आए दिन बढ़ते मामले इस समय ये संकेत दे रहे हैं कि, आने वाले दिनों में कोरोना का खतरा भारत में और बढ़ सकता है. जिसके चलते देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन (Lockdown) किया था. ताकि देश को इस महामारी से बचाया जा सके. लेकिन यही लॉकडाउन (Lockdown) इस समय भारतीय महिलाओं के लिए के लिए परेशानी की वजह बन गया है. क्योंकि पिछले कुछ दिनों में देश में भारतीय महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले में काफी बढ़ोत्तरी दिखाई दी है. जिसकी एक खास वजह लॉकडाउन (Lockdown) है. 24 मार्च को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन (Lockdown) का ऐलान किया, हालांकि देश में घरेलू हिंसा के मामले में 24 मार्च के बाद से काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई. जिसके बाद से देशभर में सिर्फ घरेलू हिंसा से जुड़ी अब तक 69 शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं.

Lockdown ने बढ़ाई महिलाओं की मुसीबत
देश में महिलाओं के लिए काम करने वाली राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों की मानें तो, देशभर में 23 मार्च 2020 के बाद से महिलाओं के साइबर अपराध में अब तक लगभग 15 मामले सामने आए हैं. जबकि अब तक महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले में 69 शिकायतें दर्ज की गई हैं.
जबकि इसी तरह ही महिलाओं को छोटी बच्चियों से रेप या फिर रेप की कोशिशों में भी इजाफा दर्ज किया गया है. जिसके आंकड़ें 15 से ऊपर जा पहुंचे हैं. अब तक कुल 257 महिलाओं ने ऐसी ही शिकायतें दर्ज कराई है. साथ में सम्मान से जीने के अधिकार को लेकर भी अब तक देश में लगभग 80 मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें से 240 मामलों में अब तक कार्रवाई की जा चुकी है.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा की मानें तो वो कहती हैं कि, आज के समय में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) पर कई शिकायतें आ रही हैं. साथ ही मुझको मेरे निजी ई-मेल पर कितनी ही शिकायतें आ रही हैं. “इसी तरह बीते रोज मुझे नैनीताल में रहने वाली एक महिला का मेल मिला था. जिसमें उसने लिखा था. मेरा पति मुझे घर से न तो बाहर जाने दे रहा है. न ही ठीक से रह रहा है. मुझसे लड़ाई कर रहा है और लॉकडाउन की वजह से मैं अपनी माँ के घर दिल्ली भी नहीं जा पा रही हूँ.”
जाहिर है, ये शिकायतें ऐसी हैं. जो आयोग से लेकर देशभर के सामने हैं. जिसमें महिला खुद आगे आकर इस तरह शिकायत दर्ज करा रही हैं. लेकिन देशभर में व्याप्त इस मुश्किल हालात में न जानें कितनी ही महिलाऐं हैं. जिन पर अत्याचार (violence) हो रहे हैं. महिलाओं को घरों में टॉर्चर किया जा रहा है. हालांकि उसके बावजूद भी या तो महिलाऐं इसको सहने पर मजबूर हैं या फिर लॉकडाउन (Lockdown) के गुजर जाने के.