प्राकृतिक छटाओं में लिपटे, “भारत के सबसे खूबसूत गांव”

The Indianness की कोशिश हमेशा रहती है कि, आपको बेहतर भारत की वो तस्वीर दिखाई जाए. जोकि असल भारत है. हमारे देश में अनेकों ऐसे लोग हैं. जो हर रोज़ बेहतर काम करते हैं, अपने समाज से लेकर अपने आस-पास के परिवेश को बेहतर करने की दिशा में काम करते हैं. हमने हाल ही में आपको भारत के उन गांवों के हकीकत बताई थी. जिन्होंने मिलकर अपने पूरे गाँव का स्वरुप ही बदल दिया. आज जब World Environment  Day है. हर ओर पर्यावरण की बेहतर की बात हो रही है.

इसलिए हम आपको हमारे भारत के कुछ खूबसूरत गांवों के बारे में बताने जा रहे हैं. “गांव जिन्होंने लिखी विकास गाथा” का दूसरा अध्याय

प्राकृति से शायद ही कोई इंसान ऐसा होगा जो प्यार न करता हो. हालांकि उसके बावजूद भी हम इंसानों ने प्राकृति को नुकसान पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. हालांकि हमारे देश में अनेकों ऐसे गांव है. जो प्राकृति की गोद में बसे हैं. जहां जाकर इंसान बस वहीं का होकर रह जाना चाहता है.

चलिए हम आपको बताते हैं आज भारत के 5 सबसे सुंदर गांवों के बारे में, जहां छुट्टियों से लेकर अन्य किसी भी वजह से हमें एक बार जरुर जाना चाहिए.

भारत के 5 सबसे सुंदर गांव-

गोकर्ण, कर्नाटक-

हिंदू धार्मिकता से लबरेज भारत के दक्षिण भाग के कर्नाटक के मंगलौर में मौजूद यह गाँव, अपने प्राकृतिक वातावरण की खातिर मशहूर है. इस गाँव में भव्य मंदिर बने हैं. साथ ही हर साल इस गाँव में हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं. जिनका मुख्य उद्देश्य यहां के मंदिरों में घूमने के साथ सनातन मान्यताओं की जानकारी के लिए आते हैं.

गोकर्ण, भारत के खूबसूरत गांव
गोकर्ण

इतना ही नहीं, इस गांव के पास मौजूद समुद्री तट इस गांव की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है. जोकि सुंदर और आकर्षण का मुख्य कारण है. इस गाँव का नाम गोकर्ण रखने के पीछे भी यहां की मान्यताएं हैं. यहाँ रहने वाले ग्रामीणों की मान्यताऐं हैं कि, हिंदूओं के प्रभु श्री शंकर का जन्म गाय के कान से हुआ था. यही वजह है कि, इस गांव को गोकर्ण कहा जाता है.

यही वजह है कि, इस गाँव में पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. जिसकी वजह है इस गांव में मौजूद प्राकृतिक छटाओं से लेकर भव्य मंदिरों की खूबसूरती.

मलाना गाँव, हिमाचल प्रदेश

मलाना गाँव, भारत के खूबसूरत गांव
मलाना गाँव

भारत में रहस्यों की बातें करें तो शायद कभी खत्म न हो. मलाना गांव उन्हीं गांवों में से एक है. जोकि हिमाचल प्रदेश में मौजूद है. हालांकि उसके बाद भी इस गांव में भारत का सविंधान नहीं चलता. इसके अलावा इस गांव में मौजूद ऊंचे-ऊंचें पहाडों की चोटियां, अनेकों रहस्य अपने अंदर छिपाए हैं. यही वजह है कि, इस गांव को रहस्यमय गांव के नाम से भी पहचाना जाता है.

भारतीय संविधान को न मानने के बावजूद भी, इस गांव में पर्यटकों की भारी भीड़ यहां आती जाती रहती है. मलाना गांव जिस तरह से प्राकृतिक सुंदरता अपने अंदर समेटे है. ठीक उसी तरह से इस गांव की पहचान का एक मुख्य कारण यहां की लोकप्रिय चरस (गांजा, हैश) भी है. जिस इस गांव के लोग मलाना क्रीम कहते हैं.

इस गांव में इसकी खुले में बिना रोट-टोक खेती होती है. साथ ही इसकी बड़ी खेपों में तस्करी भी होती है. इस गांव ने अपने खुद के नियम बनाए हैं. यहां मौजूद ग्रामीणों का मानना है कि, इस गांव के पूर्वज सिकंदर के समय के हैं. शायद यही वजह है कि, इस गांव में ग्रीक शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है. गांव के कई लोगों को मानना रहा है कि, जिस समय सिकंदर यहां आया था. उसके कई सैनिक यहां आकर बस गए थे. जिन्होंने इस गांव को बसाया है.

इस गांव में खुद का कानून चलता है. जहां उनके पास कुद 2 सदन है. जिनके सदस्य भी गांव के ही रहने वालों में से होते हैं. इस गांव के लोग जमलू देवता की पूजा करते हैं. प्राकृतिक खूबसूरती में सिमटा यह गांव पर्यटकों के घूमने के लिए सबसे बेहतर गांवों में से एक है.

नैनीताल, उत्तराखंड

नैनीताल, भारत के खूबसूरत गांव
नैनीताल

नैनीताल के बारे में भला कौन नहीं जानता. नैनीताल का जब भी नाम किसी की जुबां पर आता है. आंखों के सामने बर्फ, झील और सुनहरी प्राकृति उभर आती है. क्योंकि यह स्थान है ही कुछ ऐसा. कुमाऊं क्षेत्र में मौजूद यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता के इतने करीब है कि, इसे जगह को चाहने वाले बस भारत में ही नहीं. बल्कि विदेशों में भी पाए जाते हैं.

नैनीताल को एक समय तक झीलों का शहर भी कहा जाता था. जिसकी वजह थी यहां मौजूद करीब 60 ताल. यही वजह थी कि, अनेकों लोग पहले के समय में इस जगह को ‘षष्टिखात’ भी कहते थे. इसके अलावा लोग इसे ‘छखाता’ के नाम से भी पुकारते थे.

उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों में सबसे अधिक पर्यटक नैनीताल घूमने के मकसद से ही आते हैं. जिसकी वजह यहां के पहाड़, तालाब और यहां की सांझ है. यूं तो यहां अनेकों झील अभी भी मौजूद हैं. हालांकि उन झीलों में नैनीताल सबसे मशहूर झील है. जिसके नाम पर इस जगह को पूरी दुनिया पहचानती है.

दिस्कित, लद्दाख

दिस्कित, भारत के खूबसूरत गांव
दिस्कित

अगर आप ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के शौकीन हैं. पहाडियां आपके मन को भाती हैं तो आपको दिस्कित जरुर जाना चाहिए. जिसकी वजह है. यहां मौजूद पहाड़ की चोटियां. जनसंख्या के लिहाज़ से दिस्कित बहुत कम आबादी वाला क्षेत्र है. यहां औसतन हज़ार लोग ही रहते हैं.

हालांकि यहां की प्राकृतिक सुंदरता दुनिया के अनेकों गांवों से अलग और बेहतर है. जहां जाकर कोई भी भागता इंसान रुकना सीख सकता है. अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं. जिसे शांति भाती है तो यह जगह आपके लिए अति उत्तम हो सकती है.

लेह की उत्तर दिशा में 150 किलोमीटर दूर बसा यह गांव, प्राकृतिक सुंदरता की आगोस में है. हालांकि इस गांव में पर्यटकों का जाना आना उतना नहीं है. जिसकी वजह है, ऊंचाई पर मौजूद इस गांव में शांतिप्रिय ही लोग आते हैं. साथ ही अनेकों लोग हैं. जो इस गांव अपरिचित हैं. बावजूद इसके इस गांव में पहाड़ों की चोटियां किसी भी सुंदरता के आगे दोगुनी है.

इसके अलावा ऐसी मान्यताऐं हैं कि, इस गांव में 14 शताब्दी में एक ऐतिहासिक मठ बनाया गया था. जिसे देखने की खातिर पर्यटक यहां पहुंचते हैं.

मावल्यान्नॉंग – मेघालय

मावल्यान्नॉंग, भारत के खूबसूरत गांव
मावल्यान्नॉंग

एशिया के सबसे खूबसूरत गांवों में से एक मावल्यान्नॉग गांव, अपनी खूबसूरती प्राकृतिक के लिए पसंद किया जाता है. जोकि पूर्वी खासी हिल्स डिस्ट्रिक्ट बांग्लादेश बॉर्डर के पास मौजूद है. इस गांव की जनसंख्या भी गम है. उसके बावजूद भी इस गांव की स्वस्छता भारत ही नहीं पूरी दुनिया में मशहूर है. इस गांव का हर बाशिंदा साफ-सफाई को अहमियत देता है.

हर ओर कूड़े दान के साथ झाडू, साथ सुथऱी सड़कें हरे भरे किनारों की वजह से ही, मावल्यान्नॉग गांव एशिया के सबसे खूबसूरत गांवों में एक है. इतना ही नहीं, इस गांव को भारत के सबसे खूबसूरत गांव होने का भी दर्जा हासिल है. इस गांव में प्राकृतिक सुंदरता तो है ही, हालांकि गांव का हर वासी गांव को खूबसूरत बनाने में अपना अहम रोल निभाता है. साथ ही इस गांव की साक्षरता दर भी 100 प्रतिशत है. यही वजह है कि, यह गांव खूबसूरती के साथ-साथ अपनी जिम्मेदारियों की पूरी टोकर बांधे है. जहां जाकर कोई भी इंसान सीख सकता है कि, प्राकृतिक से महज़ प्यार ही जरुरी नहीं. उसे बेहतर करने के दिशा में हमें दिन रात काम करना होगा. तब जाकर हम प्राकृति को बेहतर बना

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