अपनी परवाह और अपनों के लिए जीना हर इंसान चाहता है. हर इंसान की ख्वाहिश होती है कि, वह अपने परिवार वालों के लिए बेहतर कर सके. शायद गिने चुने लोग ही दुनिया में ऐसे हैं. जो अपने के लिए जीने के बजाए दुनिया के लिए जीना चाहते हैं. दुनिया में रहने वाले लोगों के लिए कुछ करना चाहते हैं.
कुछ इसी तरह ही एक जोड़ी तेलंगाना के हैदराबाद में रहती है. एक ऐसी जोड़ी जो पिछले कई सालों से अपने लिए नहीं बल्कि दूसरो की जिंदगी बचाने के खातिर जी रही है. जो पिछले कई सालों से अपने पैसे खर्च करके दूसरों की जिंदगियां बचा रही है.
यह जोड़ी है गंगाधर तिलक कटनम (GT Katnam) और उनकी पत्नी वेंकटेश्वरी कटनम की. जोकि एक बुजुर्ग दंपति की जोड़ी है.

गंगाधर तिलक कटनम (GT Katnam) और उनकी पत्नी वेंकटेश्वरी कटनम आज हमारे समाज में वो काम कर रहें हैं. जिसे करने के खातिर हमारी सरकारें हजारों करोड़ों रुपये खर्च करती है. उसके बावजूद भी ठीक नहीं कर पाती. पिछले 11 सालों से गंगाधर तिलक कटनम और उनकी पत्नी वेंकटेश्वरी कटनम हैदराबाद की सड़कों पर गड्ढे भर रहे हैं.
GT Katnam और उनकी पत्नी भर चुके हैं 2000 गड्ढे

GT Katnam और उनकी पत्नी की दरियादिली और परोपकार की भावना ही है कि, पिछले 11 सालों में ये दंपत्ति अब तक 2 हजार से ज्यादा गड्ढे भर चुके हैं. जबकि सोचने वाली बात तो यह है कि, इन्हें इसके लिए कोई पैसा तक नहीं मिलता. यह जोड़ी अपने पैसों से ही सड़कों के गड्ढे को भरती है.
एक समय तक इंडियन रेलवे में काम करने वाले GT Katnam ने अपनी रिटायरमेंट के समय ही सोच लिया था कि, वो क्या करेंगे. क्योंकि उनका मानना था कि, सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जाए. ताकि कोई अपना जब कभी घर से निकले तो सही सलामत शाम को घर वापस पहुंच सके.

यही वजह है की GT Katnam कहते हैं कि, “रेलवे से रिटायर होने के बाद वो हैदाराबाद आ गए. जहां सड़कों पर गड्ढ़ों की मौजूदगी के चलते अनेकों घटनाएं देखी. इस संबंध में संबंधिक प्राधिकरण से कई बार शिकायत की. हालांकि न तो प्राधिकरण ने इस पर कोई सुनवाई की, न ही कभी उन पर काम ही किया. यही वजह रही कि, मैं और मेरी पत्नी खुद ही इस काम में लग गया.”
हाल ही में ANI पर इस दंपंति की कहानी आने के बाद से, पूरा भारत इन्हें सलाम कर रहा है. इनके काम की तारीफ कर रहा है. लेकिन सोचने वाली बात है न, पिछले 11 सालों से सड़कों पर मौजूद अनेकों गड्ढ़ों को भरने वाली यह जोड़ी अब तक कितनी जान बचा चुकी है. अपने पेंशन के पैसों से सड़कों पर मौजूद गड्ढ़ों को भरने वाली इस जोड़ी को The Indianness का सलाम.