भारत में कोरोना की स्थिति भयावह हो चुकी है। हर दिन 2.5 लाख से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। जबकि, हर दिन 2000 से ज्यादा मौतें हो रही हैं। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोना की चेन टूटने का नाम नहीं ले रही है। हर दिन बढ़ते कोरोना के मरीजों की वजह से हर किसी को ऑक्सीजन, दवाईयां, इंजेक्शन उपलब्ध करा पाना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में कई लोग अस्पताल जाने से भी डर रहे हैं। उन्हें डर है कि, कहीं अस्पताल की लापरवाही और ऑक्सीजन ना मिलने की वजह से उनकी मौत ना हो जाए। लेकिन इस स्थिति में जो लोग घर में ही अपना इलाज कर रहे हैं उनके लिए कुछ बातें जानना बेहद जरूरी है।
वैज्ञानिकों ने शुरू से ही भाप को कोरोना के खिलाफ कारगर तरीका बताया है। डॉक्टरों की सलाह पर कई लोगों ने शुरूआत से हल्के सर्दी जुकाम में भाप लेना शुरू दिया था। और अब तो एक रिसर्ज में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि, कोरोना का मरीज अगर दिन में 2-3 बार 4-5 मिनट के लिए भाप लेता है तो कोरोना का इंफेक्शन उसके फेफड़ों तक नहीं पहुंच पाएगा। साथ ही रोजाना भाप लेकर आप अपने फेफड़ों को इतना मजबूत बना सकते हैं कि, आपके फेफड़े आसानी से कोरोना वायरस को हराने में सफलता हासिल कर लेंगे।

फेफड़ों के लिए सैनिटाइजर का काम कर रही है भाप
आपको बता दें कि, थर्मल इन एक्टिवेशन ऑफ सोर्स कोविड वायरस पर हाल ही में एक रिसर्च की गई है जिसे जर्नल ऑफ लाइफ साइंस में पब्लिश भी किया गया है। खास बात ये है कि, इस रिसर्च में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय और संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने अपने अनुभव के आधार पर भाप को फेफड़ों का सैनिटाइजर करार दिया है. इस रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई है कि, भाप के जरिए कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है।
इसके अलावा एसजीपीजीआई माइक्रोबायोलॉजी के एचओडी डॉ उज्जवला का कहना है कि, भाप लेने से ना सिर्फ खांसी, जुकाम और बंद गले में आराम मिलता है, बल्कि ये बलगम को पिघलाने में कारगर साबित होता है। भाप लेने से सांस लेने वाली नलियों में खून तेजी से प्रवाहित होने लगता है जिससे इम्यूनिटी मजबूत होती है और नाक व गले में जमा म्यूकस पतला हो जाता है। जिसका सीधा फायदा फेफड़ों को मिलता है। क्योंकि, म्यूकस के पतला होने से व्यक्ति को सांस लेने में काफी आसानी हो जाती है। जिसके कारण फेफड़ों तक ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में पहुंचता है और वो स्वस्थ बने रहते हैं।
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ताजा शोध के अनुसार, कोरोना का नया स्ट्रेन सीधे फेफड़ों पर अपना प्रभाव छोड़ रहा है। जिसकी वजह से इस बार युवा भी इसकी चपेट में आने से बच नहीं पा रहे हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों ने इस बात को स्पष्ट किया है कि, स्टीम पैरानैसल साइनस में छिपे वायरस को मारने के साथ ही फेफड़ों में वायरस के जमा होने पर भी रोक लगाता है। कई रिसर्च में ये साबित हो गया है कि, 50 डिग्री सेल्सियस पर भाप लेने से वायरस पैरालाइज हो सकता है। जबकि, 60 डिग्री सेल्सियस पर भाप लेने से वायरस इतना कमजोर हो जाता है कि, शरीर के अंदर की इम्युनिटी ही उसे आसानी से मार सकती है। जबकि, 70 डिग्री सेल्सियस पर भाप लेने से वायरस भाप के जरिए ही पूरी तरह से खत्म हो सकता है।

लेकिन अब इन रिसर्च को जानने के बाद कई लोगों के मन में भाप को लेकर अलग-अलग तरह के सवाल उठे होंगे, जो लोग भाप ले रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी परेशानी झेल रहे हैं उनके लिए भाप लेने का सही तरीका और समय जान लेना बहुत जरूरी है।
ये है भाप लेने का सही तरीका
अगर आपको कोरोना नहीं भी है लेकिन आप गले में खरास या हल्का जुकाम महसूस कर रहे हैं तो भी आप भाप लेने का ये तरीका अपना सकते हैं। विक्स, संतरा या नींबू का छिलका, लहसुन, टी-ट्री ऑयल, अदरक, नीम की पत्तियां इनमें से आपके घर में अगर कुछ भी मौजूद है तो उसे सादे पानी में मिलाकर अच्छी तरह से उबालकर दिन में 2-3 दिन बार 4-5 मिनट तक इसकी भाप लें। भाप लेते समय नाक और मुंह दोनो खुला रखें। ताकि स्टीम सीधे आपके फेफड़ों तक पहुंच पाए। बता दें कि, इन सभी चीजों में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। जो वायरस या फ्लू जैसे इंफेक्शन को कमजोर करने में कारगर होते हैं।
कोरोना महामारी ने पिछले एक साल के दौरान कई लोगों की जान ली है. जहां कुछ लोगों ने महामारी से अपनी जान गवांई हैं तो वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इसका डर ही ले डुबा। लेकिन महामारी के डर से घबराना कोई समाधान नहीं है. इसलिए अपनी सेहत का ध्यान रखना, मास्क पहनना और हाथों को बार-बार सैनिटाइज या साबुन से धोना जरूरी है। जरूरी नहीं है तो घर से निकलना नजरअंदाज किया जा सकता है। क्योंकि जान है तो जहान है।