अमरीश पुरी : ‘लाइव टेलीकास्ट हो रहा है बच्चे, बोलों बनोंगे एक दिन के लिए सीएम? अनिल कपूर : ठीक है सर, अगर ऐसा हो सकता है तो मैं बनूंगा, एक दिन के लिए सीएम फिल्म का नाम है नायक और इसका यह इंटरव्यू वाला सीन आज भी बेहद लोकप्रिय […]
कुछ भी
पॉल्यूशन मतलब प्रदूषण, आधुनिक युग की सबसे बड़ी अगर कोई प्रॉब्लम है तो यह प्रदूषण ही है। इसके कई प्रकार हैं, जैसे एयर, वॉटर और लैण्ड और अब स्पेस भी, हमने सब कुछ गंदा कर दिया है और अपने द्वारा फैलाई इसी गंदगी को हम दुनियावाले नाम देते हैं पॉल्यूशन। […]
भारत, वो देश जहां की संस्कृति दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर खींचती है, जो सबसे पुरानी है और सबसे ज्यादा संमृद्ध भी। भारत की इसी संस्कृति का बड़ा हिस्सा है यहां का धार्मिक परिवेश। धर्म के कारण ही यहां पर लोगों की एक कनेक्टिविटी है और यह कनेक्टिविटी […]
महान चित्रकार लियोनार्दो द विंची के बारे में आपने सुना होगा, बहुत बड़े चित्रकार थे। उनके बारे में कहा जाता था कि, वे एक हाथ से चित्र बनाते हुए अपने दूसरे हाथ से लिख भी लिया करते थे। इतनी दूर क्यों जाना, अपने देश से ही एग्जांपल उठा लेते हैं। […]
मधुबनी पेंटिंग, बिहार और नेपाल के मिथिलांचल के इलाके की पहचान है। बिहार के दरभंगा, पूर्णिया, सहरसा, मुजफ्फरपुर, मधुबनी एवं नेपाल के कुछ हिस्सों में यह चित्रकला मुख्यरुप से विकसित हुई। पहले तो यह चित्रकला रंगोली के रूप में थी और ज्यादात्तर कच्चे मकानों पर बनाई जाती थीं लेकिन जैसे—जैसे […]
पनौती ये एक ऐसा वर्ड है, जोकि कहीं भी आ जाए तो बना बनाया मामला बिगाड़ कर रख देता है. क्योंकि बड़े बूढ़े कह गए हैं कि पनौती लगना शुभ संकेत नहीं होता. इसी को समझा है शायद इस समय महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने. वैसे तो हमारा वास्ता […]
कचरा, मतलब जो चीज़ हमारे लिए बेकार हो जाती है वह कचरा हो जाती है। यानि कहें तो ‘The Thing Which is Not in Use’ लेकिन ऐसा नहीं है कि, जो चीज आपके यूज में नहीं हो वो किसी और के काम नहीं आ सकती। बिल्कुल आ सकती है। लेकिन […]
चाहे बीबी से लड़ाई हो, घर की टेंशन, दोस्त से झगड़ा या फिर नौकरी की परेशानी…जब भी कोई इंसान इन सभी चीजों से परेशान होता है तो, उस परेशानी को या तो वो अपने अंदर या तो समेट लेता है या फिर वो कुछ न कुछ हरकतें करता है. हालांकि […]
एक समय था, जब भारत गुलामी की जंजीरों में लिपटा पड़ा था। उस समय कहीं भी अगर किसी भी तरफ से आज़ादी की मांग उठती थी तो अंग्रेज भारत के सपूतों को फांसी पर लटका दिया करते थे। ऐसे न जानें कितने वीर सपूत हैं, जो हंसते हंसते फांसी के […]
हर कोई जानता है कि, भारत में प्रदूषण इस समय सभी सीमाओं को लांघ गया है. शायद, यही वजह है की इस प्रदूषण से न तो किसी शहर में किसी को परेशानी होती है और न ही इसके निजात के लिए कोई सरकार या कोई इंसान कोई ठोस कदम उठाता […]