एमपी के मुरैना जिले की रहने वाली 19 साल की नंदिनी अग्रवाल ने सीए की परीक्षा में टॉप किया है, जबकि उनके बड़े भाई सचिन अग्रवाल ने ऑल इंडिया में 18वीं रैंक हासिल की है। नंदिनी अग्रवाल को सीए की परीक्षा में 800 में से 614 अंक हासिल हुए हैं। वहीं, भाई सचिन अग्रवाल ने भी 568 अंक हासिल किए हैं। भाई बहनों की सफलता पर पूरे परिवार में खुशी की लहर है। दोनों बहन भाई ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता के साथ ही एक दूसरे को भी दिया है। दोनों बहन भाई एक साथ ही पढ़ाई करते थे। एक दूसरे के टेस्ट लिया करते थे और एक दूसरे की ग़लतियों को सुधारा करते थे। नंदिनी और उनके भाई सचिन पिछले काफ़ी वक़्त से सोशल मीडिया और टीवी से बिलकुल दूर थे। उनके माता पिता ने भी उनकी पढ़ाई की वजह से घर में वैसा ही माहौल बना रखा था। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दोनों की सफलता पर ट्वीट कर बधाई दी है। इस सफलता पर प्रदेश के सभी नेताओं ने नंदिनी और उसके भाई को बधाई दी है। नंदिनी ने बताया कि उन्होंने सीए के एग्जाम की शुरुआत के साथ ही आर्टीकलशिप शुरु कर दी थी। आर्टीकलशिप के दौरान ही उन्होंने सारी क्लासेस भी खत्म कर ली थीं। आर्टीकलशिप के आखिरी महीनों में उन्होंने केवल रिवीजन किया था। नंदिनी अग्रवाल ने बताया कि सीए में अच्छी रैंक लाना उनका सपना था। टॉपर नंदिनी अग्रवाल ने चार प्रमुख ऑडिट कंपनियों में से एक PWC कंपनी में लगातार तीन साल काम किया है। उन्होंने बताया कि वो PWC आडिट कंपनी में 10 से 11 घंटे तक काम करती थीं। इसकी वजह से उनको सीए एग्जाम की तैयारी के लिए ज़्यादा समय नहीं मिलता था। वो हर दिन बामुश्किल डेढ़ से दो घंटे ही पढ़ाई कर पाती थीं। मगर लास्ट के मंथ में उन्होंने 10 से 15 घंटे तक पढ़ना शुर कर दिया था। नंदिनी की ये हमेशा चाहत बनी रहती थी कि उन्हें टॉप करना है। नंदिनी अग्रवाल ने कोरोना कॉल के दौरान क्लासेस ऑनलाईन लीं, इसके बावजूद उन्होंने सोशल मीडिया से बराबर दूरी बनाकर रखी। उनका कहना है कि अगर आपको अपने उद्देश्य में सफल रहना है तो सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखना ही पड़ेगा।
नंदिनी अग्रवाल ने बताया कि जो सीए की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें आईसीआई का स्टडी मैटेरियल सबसे पहले पढ़ना चाहिए। सीए की बहुत सारी किताबें आती हैं, लेकिन उनमें स्टडी मैथ में फर्क होता है। अच्छे मार्क्स तभी मिलते हैं जब स्टडी मैथ से पढ़ाई करते हैं। नंदिनी ने बताया कि वो सभी स्टूडेंट से से कहना चाहेंगे कि वे स्टडी मैथ को सबसे अधिक रिकमंड करें। उन्होंने ये भी बताया कि अगर किसी की तैयारी शुरु से अच्छी चल रही है तो वह 11 से 12 घंटे पढ़ाई करे लेकिन अगर आपके पास केवल चार या पांच महीनें ही शेष बचे हैं तो आपको हर दिन 14 से 15 घंटे तैयारी करना पड़ेगी।
नंदिनी ने स्कूल की पढ़ाई मुरैना में ही की। उसके बाद उन्होंने 10 वीं की परीक्षा सेन्ट मैरी स्कूल मुरैना से 2015 में 95 प्रतिशत अंको के साथ पास की। 2017 में हायर सेकेण्डरी परीक्षा मुरैना के विक्टर कान्वेंट स्कूल से 94 प्रतिशत अंकों के साथ पास की। बीकॉम उन्होंने इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सटी, दिल्ली से 2019 में की। दरअसल, दोनों भाई-बहनों को टॉपर होने की आदत है। मुरैना के विक्टर कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई के दौरान 2017 में दोनों ने 12वीं में 94.5 परसेंट मार्क्स लाकर टॉप किया था।
वहीं नंदिनी के भाई सचिन अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने प्लानिंग के साथ मेहनत की थी। उन्होंने बताया कि उनकी सात महीनें की छुटि्टयां थी। उन्होंने प्लानिंग करके शेड्यूल बनाया कि उन्हें किस तारीख को क्या पढ़ना है। उन्होंने बताया कि इसमें उनकी छोटी बहन नंदिनी का बहुत सहयोग मिला। उसने उनको बताया कि क्या सही था और क्या गलत था। उनकी सफलता के पीछे एक मुख्य उद्देश्य अनुशासन के साथ पूरी पढ़ाई करना था। जो भी समस्याएं थी, दोनों भाई-बहन ने एक साथ हल कीं। उनके मन में एक बात थी कि जो भी करना है वह कमाल करना है तथा अलग हटकर करना है, वही हमने किया। परीक्षार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने कहा कि जिन लोगों की फाइनेंस व एकाउंट में रुचि है वे जरूर इस फील्ड में आएं और देश की सेवा करें।