इस आपातकाल के दौर में पिछले कुछ महीनों की बात करें तो एक ही नाम है जो हर इंसान की जुबां पर बार-बार आया है. वो नाम है बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद का. एक वक्त तक सिर्फ एक फिल्मी अभिनेता और विलेन के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले सोनू सूद आज के समय में पूरे भारत में अपने नेक दिली के लिए पहचाने जा रहे हैं.

कोरोना जैसे काल में उन्होंने इस बात को साबित भी किया है. क्योंकि इस कोरोना काल में वो अनेकों लोगों के लिए एक भगवान बन कर आए हैं. उन्होंने जहां लॉकडाउन जैसे समय में लोगों को खाना खिलाया, वहीं न जानें कितने ही लोगों को उनके घर तक पहुंचाया.
Warrior Aaji की वीडियो वायरल होने के बाद मदद को आगे आए सोनू सूद
तभी से लेकर अब तक सोनू सूद का ये कारवां रूका नहीं है. यही वजह है कि, आज सोनू सूद सभी के दिलों में घर कर चुके हैं. चाहे किसी की मदद की बात हो या सोशल मीडिया पर किसी की पुकार की बात हो, किसी बच्चे की पढ़ाई की बात हो या किसी के रोजगार की. हर तरफ अगर कोई नाम पिछले कई महीने से सामने आ रहा है तो वो है सोनू सूद.
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हाल ही में एक वीडियो वायरल हुई थी. वो जिसमें एक बुजुर्ग महिला अपने पेट के लिए रोड़ पर लाठी से करतब दिखा रही थी. रोड़ के किनारे खड़ी ये बुजुर्ग महिला जहाँ दो दो लाठियों से करतब दिखा रही थी. वहीं लोगों से पैसे मांगने और खाने की खातिर अपने पेट की दुहाई दे रही थी.
ऐसे में इक्का दुक्का लोग उसकी मदद को आगे आते और चले जाते. पिछले कितने ही साल से ये महिला यही काम कर रही थी. जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो लोगों ने उन्हें नाम दिया ‘Warrior Aaji’. 85 साल की मशहूर ‘Warrior Aaji’ का नाम शांता पवार हैं.
Warrior Aaji पिछले कई सालों से अपने हुनर के जरिए भर रही हैं अपना पेट
जो पिछले कई सालों से इसी तरह का करतब दिखाकर अपना गुज़ारा चला रही थी. लेकिन वीडियो के वायरल होने के बाद एक बार फिर सोनू सूद ने वॉरियर आजी की मदद के लिए हाथ बढ़ाया और उनके लिए गणेश चतुर्थी के दिन मार्शल आर्ट्स स्कूल खोला.
जिसके जवाब में वॉरियर आजी ने एक वीडियो बनाकर सोनू सूद को शुक्रिया करते हुए कहा कि, “मेरा सपना सोनू सूद ने पूरा कर दिया. यही वजह है कि, मैंने अपने स्कूल का नाम भी सोनू के नाम पर ही रखा है. मैं उनकी शुक्रगुज़ार हूँ.
” इसके साथ ही आजी कहती हैं कि, “मैं अपने स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए बहुत उत्सुक हूँ. मैंने उद्घाटन कार्यक्रम में भाग भी लिया. जहाँ हमारे क्षेत्र के कई बच्चे भी आए थे. वो भी सीखने के उत्सुक हैं.”