पिछले कुछ दिनों से भारतीय सेना की एक टुकड़ी और अमेरिका की सेना की एक टुकड़ी युद्धाभ्यास कर रही है. आपको बता दें की ये टुकड़ी मैकार्ड में अमेरिकी सेना के साथ युद्ध के कौशल सीखने से लेकर अमेरिकी सेना को भी अपनी सेना के गुण और कौशल से परिचित करा रही है. हालांकि बात ये नही है. बात ये है की इस समय वो टुकड़ी सोशल मीडिया पर छाई हुई है और वजह हैं, बदलूराम का बदन
बदलूराम है कौन..?
अब आप सोच रहे होंगे की आखिर बदलूराम कौन है तो पहले हम आपको बताते चले की भारतीय सेना की टुकड़ी और अमेरिका की टुकड़ी दोनों मिलकर एक गीत गाते हुए इस समय सोशल मीडिया पर छाई हुई है. जिसमें दोनों सेनाऐं बदलूराम का बदन नाम से एक गाना गा रहे हैं.
अब हम आपको बता दें की बदलूराम असम रेजीमेंट के ब्रिटिश आर्मी के सिपाही थे, जिन्होंने दूसरे विश्व युद्ध में लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त किया था. हालांकि उनके मरने के बाद भी बदलूराम का नाम बड़े सिपाही, क्वार्टर मास्टर लिस्ट यानि की जिंदा सिपाहियों की लिस्ट से उनका नाम हटाना भूल गए. यही वजह रही की वीरगति को हासिल कर लेने के बाद भी वो कागजों में जिंदा रहे. जिसके चलते उनके नाम का राशन, हर महीने आता रहा और धीरे-धीरे जमा होता गया.
इस दौरान जहां दूसरा विश्व युद्ध लड़ा जा रहा था, तो जापानी सेना ने ब्रिटिश इंडियन सेना की सप्लाई लाईन काट दी. जिसके चलते भारतीय ब्रिटिश सेना तक राशन नहीं पहुंच पा रहा था. इस दौरान बदलूराम का जो राशन हर महीने स्टॉक हो रहा था, वो काम में आया और भारतीय सैनिकों ने अपनी हिफाजत की. जिसके बाद फिर से ब्रिटिश ने सप्लाई लाईन की शुरूवात की गई.
कैसी अजीब बात है न, हमारे देश के वीर जवान शहादत के बाद भी देश देश के काम आते रहते हैं. जिसके बाद बदलूराम के नाम पर असम रेजीमेंट ने बदलूराम का बदन नाम का एक गीत बनाया और उसे तब से लेकर अब तक गुनगुनाती चली आ रही है. चलिए हम आपको पढ़ाते हैं वो गीत…
एक खूबसूरत लड़की थी
उसको देखकर राइफल-मैन
चिंदी खींचना भूल गया
हवलदार मेजर देख लिया
उसको पिट्ठू लगाया
बदलूराम एक सिपाही था
वो तो वॉर में मर गया
क्वार्टर मास्टर स्मार्ट था
उसने राशन निकाला …
बदलूराम का बदन ज़मीन के नीचे है
तो हमें उसका राशन मिलता है
शाबाश…हल्लेलुजाह