पिज्जा… आज भारत में इस टेस्टी फूड के बारे में कौन नहीं जानता होगा। कभी बहुत कम लोग ही इसका स्वाद ले सकते थे। लेकिन अब तो इसका दाम इतना कम हो गया है कि, मार्केट में छोटी मोटी दुकाने भी स्वाद और प्राइस के मामले में बड़ी और स्टेबल पिज्जा कंपनियों को चैलेंज कर रही हैं। पिज्जा आज अपर क्लास से नीचे उतर कर मीडिल क्लास तक पहुंच गया है। लेकिन अभी भी हमारे और आपके आस-पास का रहने वाला एक वर्ग ऐसा है जो शायद ही पिज्जा के बारे में जानता है, और अगर जानते भी हैं तो इसका स्वाद बड़ी मुश्किल से ही लिया होगा। यानि एक तबका आज भी ऐसा है जिसके लिए पिज्जा एक एलीट वर्ग का ही खाद्य पदार्थ है। ऐसे में कई बार आपने भी भीख मांगने वाले बच्चों को जूठा पिज्जा खाते हुए देखा होगा। लेकिन हमने आपने सिर्फ देखा है और कुछ पल के लिए हमारे अंदर भी मानवता वाली करूणा फूटी होगी। लेकिन कंट्रोल करके हम वहां से आगे की और चलते बने होंगे। मगर एक व्यक्ति को जब ऐसा कोई नजारा दिखा तो उन्होंने यहां से कुछ ऐसा करने की कोशिश की, जिसके जरिए न सिर्फ पिज्जा का स्वाद इन गरीब बच्चों तक पहुंचा बल्कि पिज्जा की दुनिया में एक नया इनोवेशन दुनिया के सामने आया जिसे आज लोग ‘बटन पिज्जा’ के नाम से जानते हैं।

Button Pizza को इजाद करने का कारण
‘बटन पिज्जा’ सेलिब्रिटी शेफ सर्वेश जाधव की कृति हैं। यह उनकी ही क्रिएटीविटी का कमाल है कि, पिज्जा अब गरीब से गरीब बच्चे तक पहुंच गया है। यह बटन पिज्जा दुनिया का सबसे छोटा पिज्जा है जिसका नाम लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है। लेकिन सर्वेश के इस पिज्जा का आविष्कार नहीं हुआ होता अगर उनके साथ उस रात एक घटना नहीं घटी होती। अपने द्वारा बनाए गए सबसे छोटे पिज्जा की कहानी बताते हुए सर्वेश कहते हैं कि, एक रात जब वे काम से फ्री होकर घर की ओर जा रहे थे तो तभी उनकी नज़र उनके रेस्टोरेंट के बाहर खड़े दो गरीब छोटे-छोटे बच्चों पर पड़ी जो लोगों का बचा हुआ और जूठा खाना खा रहे थे। सर्वेश बताते हैं कि, उन्होंने उन बच्चों से पूछा कि, वो क्या खा रहे हैं? जवाब में बच्चों ने कहा पिज़्ज़ा। इस पर सर्वेश ने एक और सवाल पूछा कि, अगर कल ये पिज़्ज़ा आपको फिर ना मिले तो? जिसपर बच्चे बोले हमें आज इसका मजा लेने दें, कल का कल देखेंगे।
सर्वेश बताते हैं कि, वे बच्चे उस दिन इसलिए खुश थे क्योंकि उन्होंने पहली बार पिज्जा के स्वाद का आनंद लिया था। उन्हें इस बात की ख़ुशी थी कि, जिस चीज़ का पहले उन्होंने कभी नाम सुना था आज वे पहली बार उसका स्वाद जान पाए थे, कि हां पिज्जा खाने में ऐसा लगता है। सर्वेश बताते हैं कि, यही से उनके दिमाग में एक बात खटकी कि आम लोग तो पिज्जा ट्रीट के तौर पर ही खाते हैं, ऐसे में जो इन आम लोगों से भी गरीब होते हैं उनके लिए तो पिज़्ज़ा खरीदकर खा पाना लगभग नामुमकिन ही होगा। इसलिए मैंने सोचा कि, क्यों न मैं इन गरीब बच्चों के लिए कुछ ऐसा करूं, जिससे ये भीख मांग कर नहीं या किसी का जूठा नहीं, बल्कि पूरे आत्म सम्मान के साथ खुद के लिए पिज़्ज़ा खरीदकर खा सकें और यहीं से दुनिया में सबसे छोटे पिज्जा का जन्म हुआ।
Button Pizza में क्या है खास बात ?
सर्वेश के द्वारा बनाए गए इस पिज्जा का साइज केवल 1 इंच है। इस पिज्जा को बनाने से पहले लोगों का ध्यान इस ओर खींचने के लिए उन्होंने ग्लोबली अनाउंस करवाया कि, वे दुनिया का सबसे छोटा पिज्जा बनाने जा रहे हैं। सर्वेश की मानें तो इस पिज्जा को बनाने में मेहनत अन्य पिज्जा से थोड़ी ज्यादा लगती है। इसके लिए वो सब काम करने पड़ते हैं जो बड़े पिज्जा को बनाते समय करना पड़ता है। इसके आकार को बनाए रखने के लिए हाथ से ही इसे रोल करना होता है। कई बार इसे बेक करने में परेशानी होती है और कई बार तो हाथ तक जल जाते हैं। लेकिन सर्वेश कहते हैं कि जब कोई गरीब आदमी इस पिज्जा को एक रुपये में खरीदता है तो दिल को मिलने वाले सूकून के कारण सारे दर्द दूर हो जाते हैं।

बता दें कि सर्वेश वे ही मास्टर शेफ हैं जिन्होंने दुनिया को कॉफी खाना सिखाया है। आपको जान कर हैरानी होगी कि, जिस कॉफी को हम लोग गर्मा गर्म घूंट के लिए जानते हैं उसे सर्वेश ने बदलकर एक नई पहचान दी। उन्होंने दुनिया की पहली च्युइंग कॉफी यानी कि, चबाकर खाई जाने वाली कॉफी का आविष्कार किया है। पुणे के ऑस्टिन 40 कैफे के हेड शेफ सर्वेश ने दुनिया का सबसे भारी चॉकलेट स्नोमैन बनाने का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है। और अब उनका यह सबसे छोटा पिज्जा दुनिया भर के लोगों का ध्याान अपनी ओर खींच रहा है। छोटी उम्र में अपने पिता को खो देने वाले सर्वेश की जिंदगी चुनौतीपूर्ण रही है। जिसके कारण शायद वे गरीब बच्चों के दर्द को समझते हैं और उनकी ज्यादात्तर चीजें उन्होंने अपने इन्हीं लाइफ एक्सपीरियंस से सीख कर बनाई है।
सर्वेश एक खास शो ‘मैटिनी शो‘ को भी ऑर्गनाइज करते हैं। इसमें गरीब बच्चों और उनके माता-पिता को शामिल किया जाता है। वे इस दिन उनकी फरमाइश के डिश बनाकर उन्हें परोसते हैं। सर्वेश मानते हैं कि, हमे निचले तबके के लोगों को इज़्ज़त देनी चाहिए। इससे उनका स्वाभिमान बढ़ता है। उनका बनाया ‘बटन पिज्जा’ इसी पहल का एक हिस्सा है। ताकि एक गरीब आदमी भी अपने पैसे से पिज्जा खरीदकर पूरे स्वाभीमान के साथ खा सके। गरीब आदमी को उसका स्वाभिमान देने की ऐसी ही कोशिशें हमारे इंडिया और इसके इंडियननेस को आज तक दुनिया में बनाए हुए हैं।