देशभर में लगे लॉकडाउन के बीच केरल का एक गरीब भिखारी सड़क किनारे चुप-चाप लेटा हुआ था कि, अचानक कुछ देर बाद कुछ पुलिस अवसर उसकी तरफ बढ़ने लगे, उनमें से एक के हाथ में एक कागज का पॉलीबैग था। वो धीरे-धीरे भिखारी की ओर बढ़ रहे थे। मगर जैसे ही उस भिखारी की नजर उनपर पड़ी वो झटपड़ अपनी जगह पर खड़ा होने लगा। मगर जब तक वो खड़ा हो पाता पुलिस अवसर उसके और करीब आने लगे।
पुलिस को करीब आता देख भिखारी एक दम से घबरा गया और फौरन अपने हाथ हिलाते हुए उसने पुलिस को खुदसे दूर जाने का इशारा किया। भिखारी के इशारे को देखकर पुलिस भी हैरान हो गई। कि, आखिर अचानक इसे क्या हुआ। अवसर कुछ समझ पाते कि, इतने में भिखारी ने खुदसे कुछ दूरी पर जमीन से पत्थर-कंकड़ हटाए और पुलिस की तरफ फिर से इशारा किया। भिखारी के इशारे को समझते हुए पुलिस अवसर ने अपने हाथ में पकड़ा पॉलीबैग वहां जमीन पर रख दिया। इसके बाद उन्हें वापस जाने को कहा और पुलिस उस भिखारी की तरफ हैरानी से देखते हुए अपने काम पर वापस लौट गई।
Social Distancing का जमकर उल्लंघन करने वाले देश के महान नेता
वीडियो को देखकर अब तक आप समझ गए होंगे कि, वो पुलिस अवसर गरीबों में खाना बांटने का काम कर रहे हैं, और वो जो शख्स उनको खुदसे दूर कर रहा है। वो बस महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में अपना सहयोग देने की एक छोटी मगर जरूरी कोशिश कर रहा है। Social Distancing का पालन कर रहे एक गरीब भिखारी का ये वीडियो किसी को भी भावुक करने के साथ ही शर्मिंदा करने के लिए भी काफी है।
वो कुछ चंद लोग जो इन हालातों में भी किसी विशेष धर्म और जाति के खिलाफ अपनी भड़ास निकालने पर तुले हुए हैं। हमारी सुरक्षा के लिए अपनी जान दाव पर लगाने वालें उन डॉक्टर्स और सिपाहियों पर भी वार करने से बाज नहीं आ रहे। पीएम की एक छोटी सी रिक्वेस्ट का गलत फायदा उठा कर सड़कों पर रैली निकालने वालों के लिए, खुदकों नेता कहकर लॉकडाउन में पोते की शादी कराने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री के लिए, दिए जलाने के नाम पर दिवाली मनाने वाले उन चंद लोगों के लिए, जिन्होंने इन सब कामों के दौरान ना सिर्फ इंसानियत को शर्मसार किया है बल्कि, लॉकडाउन के नियमों का भी जमकर उल्लंघन किया। ये वीडियो वाकई में ऐसे सभी लोगों को शर्मिंदा करने के लिए काफी होगा।

Social Distancing की ये वीडियो आपको शर्मिंदा कर सकती है
वीडियों को गौर से अगर आप दोबारा देखेंगे तो आपको ये भी दिखेगा कि, किस तरह पुलिस के पास आने पर मास्क नहीं होने पर भी गरीब भिखारी अपनी गंदी कमीज के कॉलर से ही अपना मुंह ढ़कता है। वो भिखारी जिसके पास ना तो टीवी है, ना मोबाइल फोन, जिसको नही मालूम कि, कोविड-19 आखिर किस बला का नाम है। बस मालूम है तो इतना कि, ये एक महामारी है, जिसको रोकने के लिए हमें एक दूसरे से सामाजिक दूरी बनाए रखनी है। क्योंकि, बस एक यही एक तरीका है इस महामारी को फैलने से रोकने का। अब अगर ये बात वो शख्स समझ सकता है जिसको इसकी पूरी जानकारी तक नहीं, तो फिर आप या हम क्यों नहीं।

ये संकट सिर्फ आप तक, आपके अपनों तक या सिर्फ हमारे देश तक सीमित नहीं हैं। ये संकट दुनिया पर मंडरा रहा है। ऐसे वक्त में आपको ना तो हिंदू बनना है, ना मुस्लमान, और ना ही खुदकों देशभक्त साबित करने की जरूरत है। जरूरत है, तो बस इंसानियत दिखाने की। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ उन चंद लोगों की मदद करने की, जो इस वक्त सही मायने में भूख से मरने पर मजबूर हो चुके हैं।