आज भले ही बॉलीवुड के चहेते दिलीप कुमार की उम्र काफी हो चली है तो वहीं दिलीप कुमार की तबीयत भी पहले से नासाज़ रहती है। लेकिन जब कभी भी पुरानी फिल्मों खास तौर पर ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों का जिक्र आता है तो हीरो की कैटेगरी में दिलीप कुमार का नाम सबसे आगे आता है, इसके बाद ही राज कपूर और देवानंद का नाम। और इसके पीछे वजह थी एक्टिंग को लेकर उनकी ललक, उन्होंने एक्टिंग को एक नया स्तर दिया था। अपने 6 दशकों के फिल्मी करियर में दिलीप कुमार ने कुल 63 फ़िल्में ही कीं। लेंकिन इन सारी फिल्मों में उन्होंने खुद को किरदार में पूरी तरह डुबो लिया। यही कारण है कि, देश के हर तबके में उनके फैंस थे। उनकी इसी काबीलियत की बदौलत महान फिल्म डायरेक्टर सत्यजीत राय ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ मैथड अभिनेता का तमगा दिया था।

किसी भी फिल्मी हीरो की रील लाइफ को तो हम परदे पर देखते हैं, लेकिन परदे के इतर अपने फेवरेट स्टार की रीयल लाइफ में भी फैन्स की काफी दिलचस्पी होती है और यह दिलचस्पी तब और बढ़ जाती है जब फेवरेट स्टार की कहानी उनकी लव स्टोरी से जुड़ी हुई हो। दिलीप कुमार और उस दौर की सबसे मशहूर हिरोइन मधुबाला के बीच की प्रेम कहानी भी काफी चर्चा का विषय रही है। और आज भी जब बात दिलीप कुमार की होती है तो मधुबाला का जिक्र छिड़ ही जाता है। मधुबाला उनसे कुछ इस तरीके से जुड़ी हुईं हैं कि, खुद दिलीप कुमार भी उनका जिक्र अपनी बायोग्राफी में करने से खुदको नहीं रोक सकें। दोनों के बीच प्यार भी रहा और नफरत भी।
मधुबाला जैसी खूबसूरती किसी की नहीं
भारतीय बॉलीवुड के सबसे ख़ूबसूरत चेहरों की बात जब भी होती है तो आज भी मधुबाला का जिक्र सबसे ज्यादा और सबसे पहले होता है। उनका जिक्र आते ही कई सारी बातें उनके बारे में सामने आती हैं जैसे कि, महल में सस्पेंस जगाने वाली या फिर मुगले आज़म की कनीज अनारकली और न जाने कया-क्या। एक ऐसी अदाकारा जिसके चेहरे से नूर टपकता रहा हो। मधुबाला के साथ ही अपना डेब्यू करने वाले राजकपूर ने मधुबाला के बारे में एक बार कहा था लगता है कि, ईश्वर ने खुद अपने हाथों से संगमरमर से उन्हें तराशा है। वहीं शिवसेना संस्थापक बाल साहब ठाकरे भी उनके दिवाने थे।
Dilip Kumar-Madhubala की प्रेम कहानी और ब्रेकअप
बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत हिरोइन की जोड़ी जब दिलीप कुमार से रियल लाइफ में जमी तो यह कपल उस समय का सबसे रोमांटिक कपल बन गया। दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार भी करते थे। 1951 का साल था और फ़िल्म ‘तराना’ की शूटिंग चल रही थी। यहीं वह वक्त था जब दोनों एक दूसरे के करीब आ गए। सात साल तक दोनों रिलेशनशिप में रहे। लेकिन कभी सार्वजनिक तौर पर लोगों के सामने नहीं दिखे। 1955 में पहली बार फ़िल्म इंसानियत के प्रीमियर पर दोनों दुनिया के सामने साथ—साथ दिखें और यह मौका आखिरी भी था। दोनों के बीच एक गलतफहमी आ गई थी जिसने दोनों के रिश्ते को खत्म कर दिया।
कहा जाता है कि, मधुबाला के पिता अताउल्ला ख़ान इस सबकी वजह बने थे। अपनी आत्मकथा में दिलीप कुमार ने इस बारे में बताया है कि, ‘मधु और मेरी शादी के ख़िलाफ़ उनके पिता नहीं थे। उनकी अपनी प्रॉडक्शन कंपनी थी और वे इस बात से बेहद ख़ुश थे कि, एक ही घर में दो बड़े स्टार मौजूद रहेंगे। वे तो चाहते थे कि, दिलीप कुमार और मधुबाला शादी के बाद सिर्फ उनके प्रोडक्शन हाउस के लिए काम करें। लेकिन मैने कहा कि, मेरे काम करने का अपना तरीका है, मैं अपने हिसाब से प्रोजेक्ट चुनता हूं और उसमें मेरा अपना भी प्रॉडक्शन हाउस हो तो भी ढिलाई नहीं कर सकता। दिलीप की माने तो, उनकी यही बात मधुबाला के पिता को पसंद नहीं आई और उनकी नज़र में दिलीप कुमार जिद्दी और अड़ियल इंसान बन गए।
ऐसा कहा जाता है कि साल 1956 में एक फ़िल्म की शूटिंग के दौरान मधुबाला से दिलीप कुमार ने शादी की बात कही थी। लेकिन उनकी बातों पर मुधबाला रोने लगीं। दिलीप कुमार कहते रहे कि, अगर आज तुम नहीं चली तो मैं तुम्हारे पास लौटकर नहीं आऊंगा, कभी नहीं आऊंगा और बाद में ऐसा ही हुआ।

Dilip Kumar-Madhubala के बीच क्यों बढ़ गई नफरत?
दोनों के बीच शादी को लेकर असमंजस बनने लगी थी लेकिन प्यार था। यह प्यार 1957 में नफरत में बदल गया। दोनों के बीच ऐसा विवाद हो गया जिसने दोनों की प्रेम कहानी का ‘दी इंड’ कर दिया। दरअसल 1957 में प्रदर्शित नया दौर फ़िल्म के लिए दिलीप कुमार और मुधबाला को बीआर चोपड़ा ने साइन किया था। फिल्म की आधी शूटिंग हो चुकी थी लेकिन भोपाल में होने वाली शूटिंग पर मधुबाला को उनके पिता ने नहीं जाने दिया। पेशे से वकील रह चुके चोपड़ा इस पूरे मामले को लेकर कोर्ट चले गए। मामले की सुनवाई के दौरान दिलीप कुमार ने कोर्ट में कहा था कि, वे मधुबाला से मोहब्बत करते हैं और उनके मरने तक मोहब्बत करते रहेंगे, लेकिन उन्होंने अपना बयान बीआर चोपड़ा के पक्ष में दिया था। इसके बाद मधुबाला को यक़ीन हो गया कि, दिलीप कुमार उनके पास कभी नहीं लौटेंगे।
परदे के पीछे नफरत और परदे पर मुहब्बत वाली कहानी ‘मुग़ल-ए-आज़म’
अपनी बायोग्राफी में एक जगह दिलीप कुमार ने इस बारे में बताया है कि, ‘मुग़ले-आज़म के प्रोडक्शन के दौरान ही हमारी बातचीत बंद हो गई थी। फिल्म में एक क्लासिक दृश्य है जिसमें हमारे होठों के बीच पंख आ जाता है, उस समय हमारी बोलचाल पूरी तरह बंद थी। मधुबाला की मोहब्बत में दिलीप कुमार पूरी तरह टूट गए थे। लेकिन सायरा बानों उनकी लाइफ में आईं और दोनों ने शादी कर ली। आज भी सायरा बानों और दिलीप कुमार की जोड़ी बॉलीवुड की सबसे पुरानी जोड़ी है, जो प्रेम कहानियों की एक अलग मिसाल है।