कोरोना महामारी पूरी दुनिया समेत भारत में भी भयावह हो चुकी है। पूरी दुनिया में इससे पीड़ित लोगों की संख्या 3 लाख के पार जा चुकी है तो वहीं इस महामारी ने 13 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। सबसे ज्यादा स्थिति फिलहाल इटली में खराब है। इसके अलावा यूएस, स्पेन, ईरान जैसे कई बड़े देशों में हालात खराब हैं। चीन… जहां यह महामारी सबसे पहले फैली वहां अभी स्थिति अंडर कंट्रोल बताई जा रही है। बात अपने देश भारत की कर लें तो यहां पर कोरोना के मरीजों की संख्या 415 हो चुकी है और इस बीमारी से मरनेवाले लोगों की संख्या बढ़कर 8 तक पहुंच चुकी है। हालांकि अभी भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप अपने दूसरे चरण में ही है, लेकिन आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव की माने तो अगले 24 से 36 घंटों में जो मामले सामने आएंगे वो तय कर देंगे कि हमारे देश में कोरोना अपने तीसरे स्टेज यानि की कम्यूनिटी में फैला है कि नहीं।

लेकिन इसी बीच 22 तारीख को देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से लगाए गए जनता कर्फ्यू को पब्लिक की ओर से बहुत सहयोग मिला और इसी को देखते हुए देश के ज्यादात्तर हिस्सों में 31 मार्च तक लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। राजधानी दिल्ली समेत देश के 28 राज्यों और 9 केन्द्रशासित प्रदेशों के 75 जिलों में, जहां इस वायरस का ज्यादा प्रकोप देखने को मिला है, उनको पूरी तरह से 31 मार्च तक लॉकडाउन करने के आदेश दिए गए हैं। यह आदेश 22 मार्च को आए और उसके बाद कई राज्यों ने अपने—अपने हिसाब से राज्य में लॉकडाउन की घोषणा की है।
वही कल ही सरकार की ओर से कोरोना पॉजिटीव मरीजों की टेस्टिंग को लेकर भी जानकारी दी गई। इस बारे में सरकार की ओर से कहा कि हमारी क्षमता इतनी है कि हम एक दिन में 10000 लोगों की टेस्टिंग कर सकते हैं यानि की हफ्ते में करीब 50 से 60000 लोगों की टेस्टिंग की जा सकती है। लेकिन यहां सवाल यह था कि क्या सिर्फ टेस्टिंग से हो जाएगा? क्योंकि कई सारे मामले ऐसे है जिसमें एक बार टेस्टिंग होने के बाद भी कोरोना के मरीज मिले हैं। शायद इसी कारण सरकार ने आज से लॉकडाउन करने का फैसला लिया है।
Lockdown नहीं हुए तो बहुत खराब होगा
अब यहां हमे समझना बहुत जरूरी है कि अगर इस देश के लोग आज की तरह ही लापरवाही आगे भी करते रहें तो क्या होगा? इसके लिए देश की स्वास्थ्य विभाग की स्थिति को समझना सबसे ज्यादा जरूरी है। द इंडियंन एक्सप्रेस अखबार में छपी एक खबर के अनुसार यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री का डेटा बताता है कि हमारे देश में 86000 के करीब लोगों के उपर 1 आइसोलेशन बेड है। वहीं क्वारेंटाइन की स्थिति में हमारे पास 36000 लोगों पर सिर्फ एक बैड मौजूद है। वहीं उन राज्यों की बात करें जहां कोरोना का भारी प्राकोप हे, तो वहां हर 11,600 लोगों पर केवल एक डॉक्टर मौजूद हैं और हर 1 हजार 826 लोगों के लिए केवल एक बेड है।
नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2019 के डेटा के अनुसार हमारे देश में कुल 1,154,868 रजिस्टर्ड एलोपैथिक डॉक्टर मौजूद हैं। वहीं देश के सरकारी अस्पतालों में कुल 7,390,24 बेड मौजूद हैं।सरकार की ओर से 75 जिलों में लॉकडाउन तो किया ही गया है, साथ ही स्टेट लेवल पर सभी राज्यों और यूनियन टेरिटोरिज ने खुद को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया है। लेकिन इस घोषणा के बाद भी लोगों के अंदर जागरूकता की कमी साफ दिख रही है। देश की कई जगहों से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें लोग लापरवाही बरतते नज़र आ रहे हैं। ऐसे में अगर वक्त रहते हम और आप नहीं संभलें तो आनेवाले दिनों में हालात भयावह हो जाएंगे।

Lockdown में भी नहीं संभले तो बाद में रोएंगे
अब एक ओर बात पर गौर करिए, द प्रिंट में एक खबर छपी है जिसमें इस बारे में बताया गया है कि अगर भारत के लोगों ने लापरवाही की तो मई तक हालात क्या होंगे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारे पास केवल 1 प्रतिशत हॉस्पिटल बेड 1000 लोगों पर मौजूद हैं। पूरे देश में केवल 70000 आइसीयू वाले बेड ही मौजूद हैं। ऐसी स्थिति में अगर हर 10 में से एक कोरोना वायरस के मरीज को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा तो ये सारे बेड फल हो जाएंगे और कई लोगों को आईसीयू में भर्ती भी नहीं किया जा सकेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के कई ऐसे राज्य हैं जहां हेल्थ की फैसिलिटी दुनिया के कई अंडरडेवलप देशों से भी खराब हैं। बिहार, झारखंड यूपी, तेलांगना जेसे कई राज्य इस मामले में पीछे हैं। बिहार में तो First Referral Unit की केवल 15 प्रतिशत सुविधाएं ही चालू हैं।
ये आंकड़े डरानेवाले हैं। ऐसे में भारत जेैसा देश जहां 135 करोड़ की आबादी रहती है वहां बहुत ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है। कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में हमारे पास केवल एक ही सबसे बड़ा हथियार है और वो है लॉकडाउन और सोशल डिसटेंसिंग है। ऐसे में हम अगर इसका पालन नहीं करेंगे तो हमारे लिए तो खतरा होगा ही लेकिन साथ में हम उस स्थिति के सबसे बड़े गुनाहगार होगें जो आनेवाले वक्त में बनेगी।

यह वक्त देश के हर इंसान के लिए देश सेवा के लिए खुद को तैयार करने का है और यह देश सेवा हम अपने घरों में लॉकडाउन होकर, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कर, डॉक्टरों की सलाह मानकर और केन्द्र और राज्य सरकार के निर्देशों को फॉलों करके कर सकते हैं। अगर हमने खुद पर कंट्रोल नहीं किया तो फिर सरकार की ओर से सख्ती की जाएगी जो किसी भी तरीके से सही नहीं होगां ऐसे में एक जिम्मेदार नागरिक के तौर हमे अपने फर्ज को समझना होगा।
घर में रहिए, खुद सुरक्षित रहे और देश को भी सुरक्षित रखें